November 18, 2023
V Shantaram:बॉलीवुड में आज के दौर के बारे में बात करें या फिर पुराने दौर के बारे में फिल्मों में हमेशा से ही प्रयोग किए हैं. हर फिल्म मेकर चाहता है कि वह बड़े पर्दे पर एक अलग तरह की कहानी लेकर आए. हालांकि यह इस दौर में ही नहीं पुराने दौर में भी हुआ करता था. पुरानी फिल्मों के बारे में बात करें तो डॉक्टर कोटनिस की अमर कहानी से लेकर झनक झनक पायल बाजे जैसी कई अनूठी कहानी के साथ प्रयोग करते हुए वी शांताराम ने बड़े पर्दे पर कई हिट फिल्में दी. उन्होंने अपनी फिल्मों के माध्यम से समाज में परिवर्तन, और समाज में फैलने वाले अन्याय को अपनी फिल्मों के माध्यम से दिखाने की कोशिश की.
बता दें वी शांताराम का जन्म 18 नवम्बर 1901 को हुआ था. उनकी फिल्म बारह हाथ आज भी बेहतरीन फिल्मों में याद की जाती हैं. फिल्म के बारे में बात करें तो यह युवा जेलर आदिनाथ की कहानी है जिसके विचार सुधारवादी हैं. जिसकी सोच यह थी कि कैदियों को सुधार जा सकता है. जिसके लिए वह कैदियों को एक बंजर जमीन पर ले जाता है और कहता है कि यह लोग जरुर सुधरेंगे. बता दें फिल्म में जेलर की भूमिका शांताराम ने ही निभाई थी. जब वह इस फिल्म को बनाने के बारे में सोच रहे थे उस समय सभी ने यह रिस्क लेने के लिए मना किया था. इस फिल्म को ब्लैक और व्हाईट बनाने के बारे में सोचा था.
वहीं फिल्म में एक ऐसा मोमेंट भी रहा था जिस समय वह एक सीन में कैदियों को एक बंज़र जमीन को उपजाऊ बनाने के काम में लगे हुए हैं. हालांकि जिस समय यह सीन शूट हो रहा था वह उम्मीद भरी नज़रों से बादलों की ओर देख रहे होते हैं लेकिन सीन शूट के दौरान काले बादल छा जाते हैं और शांतराम कैमरामैन को कहा की कैमरा कैदियों की और करने के लिए कहा और उस सीन में कैदियों की खुशो को कैमरे में कैद कर लिया गया. इस सीन ने फिल्म में मानो जान ही डाल दी हो.
जानकारी के लिए बता दें वी शांताराम की यह फिल्म 60 सप्ताह तक तक बड़े पर्दे पर लगी हुई थी.फिल्म को सर्वश्रेष्ठ अवार्ड भी मिला.साथ ही नेशनल अवार्ड और इंटरनेशनल अवार्ड भी भी मिले. लता मंगेशकर का गाया गीत ‘सैंया झूठों का बड़ा सरताज निकला’ हिंदी फिल्म के फेमस गाने में से एक है. फिल्म का गीत ‘ऐ मालिक तेरे बन्दे हम, ऐसे हों हमारे करम, नेकी पर चलें और बड़ी से लड़ें ताकि हंसते हुए निकले दम’ आज भी गाया जाता है और भलाई के रास्ते पर चलने के लिए आज भी सबको प्रेरित करता है.लता मंगेशकर की गाई लोरी ‘मैं गाऊं तू चुप हो जा, मैं जागूं रे तू सो जा’ इतनी मधुर है कि मन मोह लेती है. इन गीतों के अतिरिक्त ‘तक तक धुम धुम’ और ‘उमड़ घुमड़ कर आई रे घटा’ भी कर्णप्रिय हैं और गंभीर कथानक को रसमय करने में मदद करते है.
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