November 28, 2024
Old Bollywood Memories : मारे यहां की इस रंगीन दुनिया में राई का पहाड़ और हथेली पर सरसों जमाने वालों की कमी नहीं है. अपने काम में इस प्रकार के लोग इतने अनुभवी होते हैं कि पलक झपकते ही अपना चमत्कार दिखा देते हैं. किसी के बारे में कुछ कहने से पहले एक बात ध्यान में रखें कि यह सिर्फ आपके लिए है, किसी और से कहना नहीं!
इस रंग-बिरंगी दुनिया में जब कोई स्टार बेरंग हो जाता है तो उसकी बौखलाहट देखने योग्य होती है. वह नीचे से ऊपर उठने के लिए अर्थात् शून्य से हीरो-स्टार बनने के लिए ऐसे-ऐसे हथकंडे प्रयोग करता है कि जिनकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता. ऐसा ही हेमा से शादी का कुछ हंगामा अभिनेता जीतेन्द्र ने किया. (Old Bollywood Memories)
हेमा मालिनी जिन दिनों फिल्मों में आई थी उस समय हीरो जीतेन्द्र सुपर स्टार समझा जाता था. हर एक लड़की उसके साथ काम करने को उत्सुक रहती थी. उस वक्त जीतेन्द्र ने हेमा को ज्यादा लिफ्ट नहीं दी. वह कुछ इस सिद्धान्त पर चल रहा था कि फूल कुछ सूंघ लिए, फेंक दिये और इसीलिए आए दिन उसके नए-नए रोमांस के किस्से सुनाई देते रहते थे.
आज उसी सुपर स्टार ने अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए टाॅप के हीरो धर्मेन्द्र की टांग खींच कर अपनी टांग ऊंची करने की कोशिश की है.
यह सब जानते हैं कि जीतेन्द्र की बहुत वर्षो पूर्व शोभा सिप्पी नामक एक एयर हाॅस्टेस से सगाई हो गई थी. लेकिन आज तक जीतेन्द्र ने उससे शादी नहीं की, राजेश खन्ना की तरह उसने भी मुमताज से शादी की खबर उड़ा कर हंगामा करने की कोशिश की थी ताकि मुमताज के सहारे पब्लिसिटी ही नहीं कुछ अच्छी फिल्में भी मिल जाएं़. किन्तु न खुदा ही मिला और न विसाले सनम! डसके हाथ में वही ढाक के तीन पात आए क्योंकि शोभा सिप्पी ने अल्टीमेटम दे दिया था कि यदि मुमताज से शादी की तो वह आत्माहत्या कर लेगी.
धर्मेन्द्र और हेमामालिनी की जोड़ी को मिली अपार सफलता से जीतेन्द्र ने समझा कि यदि वह हेमामालिनी पर हाथ रख दे और उसे अपना बना ले तो वह भी धर्मेन्द्र की तरह लक्की हीरो बन जाएगा. मानो हेमा हीरोइन न हुई पारस पत्थर हो गई कि जिसके छूते ही वह कंकर से सोना बन जाएगा. उसने अपनी मां हो हेमा की मां के पीछे लगा दिया. हेमा की मां जया चक्रवर्ती एक अनुभवी औरत है. उसने बात हेमा पर छोड़ दी.
मद्रास में दोनों परिवार मिले और लगभग शादी की बात तय हो जाती किन्तु जीतेन्द्र ने पहले मंगनी और बाद में शादी करने का विरोध किया और कहा कि चट मंगनी पट शादी होनी चाहिये. उसे डर था कि अगर मंगनी हुई तो मंगनी तो तोड़ी भी जा सकती है किन्तु शादी के बाद तो तलाक ही दोनों को अलग कर सकेगा.
चट मंगनी पट शादी के लिए न हेमा तैयार थी और न हेमा की मां क्योंकि इस तरह शादी के बाद हेमा को अपनी विदेश यात्रा रद्द करनी पड़ती और जीतेन्द्र के अनुसार उसे फिल्म लाइन बिना किसी हिचक के छोड़नी पड़ती ! जया चक्रवर्ती चूंकि निर्माताओं से पैसे ले चुकी थी इसलिए वह फिल्में छोड़ने के खिलाफ थी. इसी हां-ना में शोभा सिप्पी वहां पहुंच गई क्योंकि जीतेन्द्र ने जल्दबाजी में शादी की खबर फैला दी थी.
उसने सोचा होगा कि कहीं हेमा और उसकी मां अपनी बात से न फिर जाएं. लेकिन जिस बात के डर से यह खिचड़ी बम्बई की अपेक्षा मद्रास में पक रही थी वही बात हुई. खबर मिलते ही शोभा सिप्पी अपने अभिभावकों के साथ मद्रास पहुंच गई और एक असली नाटक फिल्मी अन्दाज में खत्म हो गया. जीतेन्द्र की किसी हीरोइन से शादी की हसरत दिल में ही रह गई.
कहते हैं जीतेन्द्र ने अपने इस नाटक में धर्मेन्द्र को खलनायक बताने की कोशिश की है. वह कहता है कि धर्मेन्द्र के कारण यह शादी नहीं हो सकी. वह शोभा को मद्रास ले गया था.
हालांकि वास्तविकता यह है कि धर्मेन्द्र अपनी नई फिल्म ‘मां’ के निर्माता देवर के बुलाने पर मद्रास गया था. सवाल सह पैदा होता है कि जो शोभा सिप्पी अपनी पसन्द के वर जीतेन्द्र से शादी करने की तमन्ना लिए बैठी है उसे क्या धर्मेन्द्र ही साथ ला सकता था ? वह क्या अपने आप अपने अधिकारों की रक्षा के लिए मद्रास नहीं पहुंच सकती ?
फिर क्या मुमताज के समय में भी धर्मेन्द्र या अन्य किसी हीरो ने उसे धमकी देने के लिए उकसाया था ? सोचने की बात यह है कि जब आदमी पर कोई आपति आती है तो वह स्वयं ही उससे उभरने की कोशिश करता है. यही कुछ शोभा ने भी किया है. तो उसके लिए किसी को दोषी क्यों ठहराया जाए ?
और पढ़ें :
यादों के दायरे: अपने बीते दिनों को लेकर मनोज कुमार बनाई थी ‘रोटी कपड़ा और मकान’
जीतेन्द्र को वस्तुतः अपने भाग्य के हाथों हार मान कर शोभा से शादी कर लेनी चाहिये क्योंकि हो सकता है कि शोभा के कदमों के कारण ही उसका भाग्य चमक जाए ! लेकिन जीतेन्द्र तो अब भी हेमा के घर के चक्कर लगा रहा है. जीतेन्द्र की मां जया चक्रवर्ती से बार-बार विनती कर रही है कि वह अब भी हां कर दे वरना उसके बेटे का स्टार इमेज खत्म हो जाएगा.
(याद रहे मुमताज से जवाब मिलने पर भी जीतेन्द्र ने कश्मीर तक उसका पीछा किया था ) उसे सोचना चाहिये कि जब आदमी का मुंह बदनामी के रंग में रंग कर काला हो जाता है तो उस पर कोई रंग नहीं चढ़ता. लेकिन वह भी क्या करे! इस रंग-बिरंगी दुनिया के लोगों की बातें ऐसी ही रंगीन होती हैं (चाहे रंग कितने ही फीके हों).
मुमताज और हेमामालिनी के चाहने वालों में एक अभिनेता और था! वह है रूपेश कुमार ! रूपेश कुमार के बारे में तो लोग यहां तक कहते थे कि उसका और मुमताज का गुप्त विवाह हो चुका है क्योंकि वह कुछ इसी अंदाज से मुमताज के साथ चिपका रहता था. इसी ढंग से बातें करता था. हद तो यह है कि मुमताज की शादी के समारोह में भी इसी तरह चिपक-चिपक कर कैमरे के सामने आ जाता था जैसे मुमताज का दूल्हा वही हो.
और पढ़ें :
राजेन्द्र कुमार- एक ऐसा नाम, जब बॉलीवुड में कमायत बन कर छा था
मुमताज के बाद हेमा से उसने उम्मीदें बांध रखी थीं. हेमा से दबे शब्दों में उसने अपनी मोहब्बत भी जाहिर की थी किन्तु उसे मुंह की खानी पड़ी थी. आखिर चारों ओर से निराश होकर उसने एक ईरानी लड़की मरजिया से शादी रचा ली है और होटल की जिन्दगी छोड़कर घर गृहस्थी बसा ली थी.
इसके अतिरिक्त बेचारा कर भी क्या सकता था क्योंकि वह न तो पूरे तौर पर हीरो ही बन सका और न खलनायक ही बना. वह अभी तक अधर में ही लटका हुआ है. देखें यह शादी क्या गुल खिलाती है ? उसके फिल्मी जीवन पर कोई नया रंग चढ़ता है या एकदम बेरंग होकर रह जाता है.
हेमामालिनी और धर्मेन्द्र फिल्म ‘प्रतिज्ञा’ में.